नई दिल्ली। गुजरात के राजकोट में स्थित एक सहकारी बैंक में भारी मात्रा में कथित हेराफेरी का आरोप लगा है। आयकर विभाग के मुताबिक, एक तरफ जहां 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी के एलान के बाद 871 करोड़ रुपये इस बैंक में जमा किए गए। वहीं 4500 नये खाते खोले गए, साथ ही एक ही मोबाइल नंबर से पांच दर्जन से अधिक खाते खोले गए।
ऐसा माना जा रहा है कि यह नोटबंदी के बाद कालाधन बनाने के सबसे बड़े मामलों में एक है। विभाग की अहमदाबाद अन्वेषण शाखा ने कर नियमों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और बैंक से पूरी जानकारी मांगी है। उसने कुछ समय पहले उसका सर्वेक्षण किया था और भारी गड़बड़ियां पाई थीं।
अधिकारियों के मुताबिक, विभाग की अब तक की जांच के मुताबिक नोटबंदी के बाद 9 नवंबर और 30 दिसंबर 2016 के बीच 871 करोड़ रुपये इस बैंक में जमा किए गए, जिनमें ज्यादातर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट थे। उसी अवधि के दौरान 108 करोड़ रुपये संदिग्ध तरीके से निकाले गए। ये सब बातें 2015 की समान अवधि की अनुपातिक नहीं थीं।
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