नीतीश ने लालू के सामने रखी शर्त ‘चार्जशीट दाखिल होने पर तेजप्रताप और तेजस्वी को देना होगा इस्तीफ़ा’, पढ़िए लालू ने क्या दिया जवाब

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लालू

इनकम टैक्स के छापे के बाद भी लालू प्रसाद यादव और उनके पारिवारिक कुनबे के राजनीतिक और प्रशासनिक सेहत पर तत्काल कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा है। राजद खेमे के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव को स्पस्ट कह दिया है कि बेनामी सम्पति रखने के आरोप में उनके दोनो मंत्री पुत्रों के खिलाफ अगर चार्जशीट हो जाता है तब भी महागठबंधन की एकता बरकरार रहेगी। बशर्ते, आरोपित दोनो मंत्रियों (तेजस्वी और तेज प्रताप यादव) को फौरन अपने पद से इस्तीफा देना होगा। माना जा रहा है कि इस पर लालू यादव ने भी सहमति दे दी है। दरअसल, राजद प्रमुख इस बात को अच्छी तरह से जानते और समझते हैं कि साफ छवि के प्रति सावधान रहने वाले नीतीश कुमार किसी भी हाल में चार्जशीटेड लोगों को अपने मंत्रिमंडल में नहीं रख सकते हैं।

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हालांकि, आय से अधिक सम्पत्ति रखने के मामले में लालू यादव ने चार्जशीटेड राबड़ी देवी को सीएम पद पर रहते हुए ही कोर्ट में पेशी करावाया था और जमानत ली थी लेकिन नीतीश राज में उनकी चाल और दाल नहीं गल सकती है। फिर भी उम्मीद जताई जा रही है कि गठबंधन धर्म निभाते हुए मुख्यमंत्री इतना तो रियायत दे ही सकते हैं कि तेज प्रताप यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव को मिल रही कई सुविधाएं जारी रहे।

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उधर नीतीश कुमार भी लालू प्रसाद यादव के साथ अपने राजनीतिक सम्बन्धों को तत्काल नहीं तोड़ना चाहते क्योंकि इससे उन्हें कुछ राजनीतिक लाभ होता नहीं दिख रहा है। लिहाजा, साल 2019 के लोकसभा चुनाव तक लालू-नीतीश की राजनीतिक दोस्ती और जोड़ी सियासी उठापटक सहते हुए जारी रहेगी क्योंकि आखिरी सच इन दोनों नेताओं को पता है कि उनकी दोस्ती अगर टूटी तो उसका फायदा सिर्फ और सिर्फ भाजपा को ही मिलेगा।

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(खबर इनपुट – जनसत्ता। मूल खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)