इस आईपीएस को योगी सरकार की आलोचना करना पड़ा महंगा? सस्पेंड

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हालांकि बाद में आईपीएस हिमांशु ने अपना ट्वीट हटाते हुए एक दूसरा ट्वीट कर कहा कि लोगों ने उनकी बात को गलत अर्थों में लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार की पहल का समर्थन करता हूं।’ इससे पहले भी IPS हिमांशु अपने ही महकमे के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। 22 मार्च को ही उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि उनके द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर डीजीपी ने सही तरीके से जांच क्यों नहीं कराई।

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हिमांशु कुमार से पहले एसपी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव भी इस मामले को सदन में उठा चुके हैं। राज्यसभा में चुनावी सुधार मुद्दे पर चल रही बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यूपी के बारे में कमीशन की धारणा ये है कि यहां एक खास समुदाय के अधिकारी नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा खा, ‘यूपी में चुनाव के पहले 10 डीएम यादव थे, उनमें से 8 का पहले ही दिन ट्रांसफर कर दिया।’ यादव ने कहा कि इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है। उनके साथ जातिगत भेदभाव नहीं होना चाहिए।

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