दिल्ली से सटे हरियाणा के कुछ शहर राजधानी के लिए लाइफलाइन हैं। दूध, पानी, सड़कें, सब्जी इत्यादि यहां से राजधानी आती हैं। पिछले साल 25 दिन तक चले प्रदर्शन के कारण दिल्ली भी बुरी तरह प्रभावित हुई थी। लोगों को न दूध नसीब हुआ और न पानी। यहां तक कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली आने-जाने के लिए सड़कें भी रोक लीं। इसके चलते हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इस बार फिर जाट नेताओं के बिगड़ते सुर गंभीर इशारा कर रहे हैं।
हिंसा के बाद पकड़े गए युवाओं को छोड़ने और उन पर लगे मुकदमे वापस लेने के लिए जाट जागृति सेना ने शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। आज सुबह से अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने जसिया में डेरा डालना शुरू कर दिया है। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन पर बताया कि अबकी बार जाटों के कई गुट देखने को मिल रहे हैं। कुछ नेता गांव-गांव जाकर लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। हालांकि इस बार किसी तरह की हिंसा की आशंका से उन्होंने साफ इंकार किया है।
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