हरे रंग से क्या था जयललिता का नाता? मरने के बाद भी क्यों पहनाई गई हरी साड़ी? यहां पढ़ें

0
3 of 3Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

 

जयललिता

उनके शव को राजाजी हॉल में रखा गया है, ताकि लोग पहुंचकर उन्हें आखिरी बार देख सकें और श्रद्धांजलि दे सकें। बुधवार शाम को उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी लोकप्रियता और लोगों के बीच उनके लिए गहरे प्यार को देखते हुए यह समय शायद कम लगे, लेकिन कहा जा रहा है कि जयललिता की ज्योतिष शास्त्र में आस्था को देखते हुए ही यह फैसला किया गया है।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा अघोषित आय पर देना होगा 60% टैक्स!

जानकारी के मुताबिक, पंचांग के हिसाब से बुधवार को अष्टमी तिथि है। वाजपेयी सरकार से समर्थन वापसी की घटना का जिक्र करते हुए हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि जयललिता 8 अंक को अपने लिए शुभ नहीं मानती थीं। ऐसे में उनकी अंतिम यात्रा पर के लिए यह तिथि उचित नहीं मानी गई। अंतिम संस्कार का समय भी पंचांग के हिसाब से तय किया गया है। मंगलवार दोपहर 3.30 से लेकर अपराह्न के 4.30 तक राहू काल है। इस अवधि में कोई काम नहीं किया जाना चाहिए। यही वजह है कि उनकी अंतिम यात्रा शुरू करने का समय भी 4.30 के बाद ही तय किया गया है। तभी उनका अंतिम संस्कार के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

इसे भी पढ़िए :  देखिए वीडियो: ...जब UP के DGP ने खुद खाई ‘गोली’
3 of 3Next
Use your ← → (arrow) keys to browse