तमिलनाडु की पूर्व सीएम और AIADMK पार्टी प्रमुख जे जयललिता की मौत पर पड़े ‘रहस्य’ को उठाने की मांग सिर उठाती दिख रही है। जयललिता की मौत के 3 दिन बाद अभिनेत्री गौतमी तड़ीमला ने एक सार्वजनिक ब्लॉग पोस्ट लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि वह इस मुद्दे पर बनाई गई गोपनीयता से पर्दा उठाएं। नवभारत की खबर के मुताबिक गौतमी ने अपनी चिट्ठी में ‘जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराए जाने, उनके ठीक होने और फिर अचानक हुई उनकी मौत से जुड़े कई अनसुलझे सवालों’ के बारे में PM मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।
गौतमी ने इस सिलसिले में PM को संबोधित कर एक ब्लॉग पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने जयललिता की बीमारी और उनकी मौत से जुड़ी जानकारियों को पूरी तरह छुपाने से जुड़े सवालों की ओर मोदी का ध्यान आकर्षित किया है। गौतमी ने लिखा है कि जिस समय जयललिता अस्पताल में थीं, उस समय किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने लिखा है, ‘किसी को भी उनतक नहीं पहुंचने दिया जा रहा था। कई गणमान्य लोग जो कि उनके स्वास्थ्य की बिगड़ी हालत से परेशान होकर वहां मिलने पहुंचे थे, उन्हें खुद जयललिता से नहीं मिलने दिया गया।’
Tragedy tht musnt b deepnd by unanswrd Q’s Hon PMsir-a citizen’s request @narendramodi @rajnathsingh @MVenkaiahNaidu https://t.co/TFTlaVvtju
— Gautami (@gautamitads) December 8, 2016
जयललिता की मौत से जुड़े ये सवाल अकेले गौतमी नहीं कर रही हैं। मालूम हो कि तमिलनाडु में कई राजनैतिक विश्लेषक इस तरह के सवालों को अहमियत दे रहे हैं। अपनी ब्लॉग पोस्ट में गौतमी ने लिखा, ‘तमिलनाडु सरकार की मुखिया और लोगों की चहेती नेता के मामले में इतना रहस्य क्यों बनाया गया और उन्हें इस तरह सबसे अलग-थलग क्यों रखा गया? ऐसे समय में जब कि जयललिता की सेहत इतनी नाजुक स्थिति में थी, तब कौन लोग थे जो कि उनकी बीमारी और इलाज से जुड़े फैसले ले रहे थे? और कौन लोग हैं जो कि जनता को इन सवालों के जवाब देने के लिए जिम्मेदार हैं?’
गौतमी ने लिखा है कि जनतांत्रिक पद्धति के द्वारा चुने गए अपने नेताओं के बारे में जानने का लोगों को पूरा अधिकार है। उन्होंने यह भी लिखा कि इतनी बड़ी घटना से जुड़े सवाल अनसुलझे नहीं रह जाने चाहिए। अपने पोस्ट में गौतमी ने PM मोदी को ऐसा नेता बताया है जो ‘आम लोगों के अधिकारों के लिए खड़े होने से नहीं डरता है।’ गौतमी ने ब्लॉग में यह भरोसा भी जताया है कि प्रधानमंत्री उनकी अपील को सुनेंगे।
(नवभारत के हवाले से खबर)