नई दिल्ली। झारखंड के हजारीबाग में बरकागांव थानाक्षेत्र के डरही काला गांव में शनिवार(1 सितंबर)को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में चार ग्रामीणों की मौत हो गई, जबकि पुलिसकर्मियों सहित 10 से अधिक लोग घायल हो गए।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गृह सचिव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति से इस घटना की जांच कराने की घोषणा की है।
प्रदर्शनकारी चिरूडीह में एनटीपीसी का खनन अभियान स्थगित करने, भूमि अधिग्रहण का निबटारा करने और विस्थापित रैयतों को 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधान के तहत मुआवजे के भुगतान किए जाने तथा हर विस्थापित व्यक्ति के लिए रोजगार की मांग कर रहे थे।
दरअसल, चिरूडीह इलाके में यह घटना उस वक्त हुई, जब पुलिस टीम धरना स्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों उन पर पथराव कर दिया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण कांग्रेस की स्थानीय विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में उग्र हो गए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब भीड़ हिंसक हो गयी तब पुलिस ने उसे नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया और गोलियां चलायीं जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक लेाग घायल हो गए।
अधिकारी के अनुसार घायलों को हजारीबाग सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनमें से कुछ को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची के रिम्स ले जाया गया। पुलिस के अनुसार घायलों में कई पुलिस और अधिकारी हैं, जिनमें से कुछ को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बड़कागांव में हुई हिंसा पर अमेरिका से भेजे अपने संदेश में गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए गृह सचिव एनएन पांडेय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय दल के गठन की घोषणा की है।
उन्होंने जांच दल को घटनास्थल का दौरा कर मामले की जांच के बाद तत्काल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। जांच दल में गृह सचिव के अलावा मंत्रिमंडल सचिव एसएस मीणा एवं सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री राज्य के मुख्य सचिव एवं अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर हैं। वहीं, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव भगत ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि झारखंड पुलिस की बर्बरता रघुवर सरकार के चेहरे पर वह बदनुमा दाग है, जिसे धोया नही जा सकता।
भगत ने एक बयान जारी कर कहा कि एक तरफ केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा कहते हैं कि भूमि अधिग्रहण ग्रामीणों की सहमति से होगा और दूसरी तरफ प्रशासन एवं पुलिस ग्रामीणों पर गोली चला रही है।
उन्होंने गोलीबारी की न्यायिक जांच की मांग करते हुए मारे गए ग्रामीणों के परिजनों को 25 लाख रूपये और नौकरी तथा घायलों को पांच लाख रूपये देने की मांग की।