दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक छात्र नजीब अहमद के लापता होने को लेकर बुधवार की शाम से छात्रों ने हंगामा कर कुलपति और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशासनिक भवन में बंद कर दिया।
गुरूवार को जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर छात्र से वापस लौटने की मांग की। वीसी ने कहा कि पिछले 21 घंटे से हमें बंधक बनाकर रखा गया है। मेरे साथ बीमार लोगों को भी बंधक बनाया गया है। छात्र हमारी बात मानने को तैयार है। छात्र नहीं माने तो एक्शन लिया जाएगा।
हम लोगों ने छात्रों से बहुत बार बात की और कहा कि नजीब अहमद को ढूंढ़ने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस को भी कई लेटर लिख चुके हैं। हमारे लोग लगातार पुलिस के संपर्क में हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। हम लोग नजीब अहमद से अपील करते हैं कि वह लौट आएं और अपनी पढ़ाई पूरी करें।
वाइस चांसलर ने कहा कि ये बहुत ही अलोकतांत्रिक काम है। जिन अधिकारियों को यहां कैद किया गया है, उन्होंने कल से कुछ खाया नहीं और लोग फ्लोर पर सोने के लिए मजबूर हैं। हम लोगों ने छात्र को खोजने के लिए जांच बैठा दी है। कल करवाचौथ का फास्ट था और हमारे दो अफसरों की पत्नी आई थीं, पर उनको भी इमारत में आने नहीं दिया गया। अगर बातचीत बेकार जाती है तो पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी।
वहीं इस पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा कि हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया। बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति जारी है। हमने भीतर खाना भेजा है। दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है।