कई टन बर्फ में दबे जवान ने यूं दी मौत को शिकस्त

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कश्मीर

वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी, ‘जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय’। ये बात यहां बिलकुल फिट बैठती है। कश्मीर में बुधवार को हुई हिमस्खलन की घटना के समय पर आर्मी मेजर श्रीहरि कुगजी उस वक्त बैरक में ही थे और टनों बजनी इस बर्फ के नीचे दबे मेजर किसी तरह सांस ले पा रहे थे। किसी तरह खुद को बचाने की कोशिशों के बीच अचानक मेजर के हाथ एक ताला लगा, जिसकी बदौलत उनकी जान बच सकी।

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बैरक पर गिरी बर्फ के नीचे फंसे मेजर लगातार बाहर निकलने की जद्दोजहद कर रहे थे। इस बीच मेजर के हाथ में संदूक में लगाने वाला ताला आ गया। जिससे श्रीहरि लगातार बर्फ पर वार करते रहे। लगातार हो रही चोट के कारण बर्फ का कुछ हिस्सा टूट गया, सिर्फ इतना कि मेजर उसमें से अपना हाथ बाहर निकाल सकते थे। मेजर श्रीहरि ने बर्फ में हुए उस छोटे से छेद से हाथ बाहर निकाला और अपनी अंगुलियां हिलानी शुरू कर दीं। वह लगातार ऐसा करते रहे। इस दौरान बचाव कार्य में जुटी सेना ने मेजर की हिलती हुई उंगलियों को देखा और उन्हें बर्फ के नीचे से सकुशल बाहर निकाला।

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सोनमर्ग में हुए हिमस्खलन के दौरान बैरक पर गिरी बर्फ में 8 सैनिकों के दबने का अंदेशा था। मेजर अमित सागर इस हिमस्खलन में शहीद हो गए, जबकि बाकि सैनिकों को आर्मी की बचाव टीम ने बर्फ से निकाल लिया है।

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