कश्मीर के छात्र अलगाववादियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। बंद की परवाह किए बगैर कश्मीर के 95 फीसदी छात्र 12वीं परीक्षा में हिस्सा लेने पहुंचे। नोटबंदी का भी इम्तेहान पर कोई असर नहीं दिखा। भारी तादाद में अपनी मौजूदगी दिखाकर छात्रों ने अलग-अलग संगठनों के विरोध पर भी जोरदार तमाचा जड़ा। सोमवार को हुए पहले पेपर में 32 हजार छात्रों में से करीब 95 फीसदी छात्रों ने परीक्षा दी। इससे घाटी में शैक्षिक गतिविधि की शुरूआत हो गई।
लेकिन छात्रों की ये कोशिश उग्रवादियों को रास नहीं आई। 12वीं कक्षा की परीक्षा के दौरान उपद्रवियों द्वारा परीक्षा केन्द्रों पर पत्थराव किया गया जिसके बाद प्राधिकरण ने इलाके से तीन परीक्षा केन्द्रों को बदलने का फैसला लिया। वहीं, सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल सोएबुग के बाहर तैनात सुरक्षाबलों ने उपद्रवियों को खदेडऩे के लिए आंसू गेस का इस्तेमाल किया। हालांकि, किसी के भी घायल होने की जानकारी नहीं है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उपद्रवियों ने हारन और सोएबुग चौक इलाकों में छात्रों को भी उस समय कथित तौर पर पीटा जब वह परीक्षा केन्द्रों से वापस लौट रहे थे। मुख्य शिक्षा अधिकारी (सी.ई.ओ.) बडग़ाम इंदरजीत शर्मा ने कहा कि कानून व्यवस्था की घटनाओं के मद्देनजर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के दो केन्द्रों 2112 और 2113 को गलर्स हायर सैकेंडरी स्कूल बडग़ाम और बॉयज हायर सैकेंडरी स्कूल बडगाम में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। इसके अलावा 10वीं कक्षा के परीक्षा केन्द्र 2114 को भी डिग्री कॉलेज बडग़ाम में शिफ्ट कर दिया गया है। 10वीं कक्षा की परीक्षाएं मंगलवार से शुरु हो रही है।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ स्थानों पर कानून और व्यवस्था की कुछ मामूली घटनाओं को छोड़कर पहले दिन पूरे कश्मीर में 450 से अधिक केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से हुई। इन केंद्रों में से 73 केंद्र ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में थे। परीक्षा का संचालन करने वाले जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीओएसई) के एक अधिकारी ने कहा कि कुल 31964 छात्रों में से करीब 94.88 प्रतिशत छात्र परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी ने बताया कि छात्रों की समग्र उपस्थिति पिछले साल से 2.56 फीसदी अधिक थी।