नई दिल्ली। नोटबंदी के करीब 20 दिन बाद भी बैंकों को पर्याप्त कैश उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इतने दिनों में बस यही फर्क देखने को मिला है कि 1000 और 500 रुपये के नोट बंद होने के बाद से जहां बैंक शाखाओं में भीड़ उमड़ रही थी। अब वह भीड़ एटीएम के बाहर पहुंच गई है। बैंक शाखाओं में कैश न होने की वजह से अभी भी खासी परेशानी हो रही है।
पीएम मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले का देश का हर व्यक्ति समर्थन कर रहा है, वहीं पैसों के लिए मजबूर होने वाले कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है केरल के कोल्लम के रहने वाले याहिया, जो एक छोटे से होटल और चाय की दुकान चलाते हैं। याहिया नोटबंदी के फैसले से इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने विरोध जताने के लिए आधा सिर मुंडवा लिया है।
यह जानकारी केरल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ अशरफ कदक्कल ने अपने फेसबुक पोस्ट जरिए लोगों को बताया है। उन्होंने बताया कि कैसे नोटबंदी के चलते याहिया को परेशानी का सामना करना पड़ा और क्यों उसने अपना आधा सिर मुंडवा दिया है।
उन्होंने उस शख्स के हवाले से लिखे गए फेसबुक पोस्ट में कहा- मेरा नाम याहिया है, मेरी उम्र 70 साल के करीब है और मैं केरल के कोल्लम जिले का रहने वाला हूं। मैं अपनी पत्नी और दो लड़कियों के साथ रहता हूं। पहले मैं पेड़ से नारियल तोड़ने और खेती काम करता था जब मुझे लगा है कि मैं अपनी बेटी की शादी नहीं कर पाऊंगा तो मैंने सबकुछ बेचकर गल्फ जाने का फैसला किया।
मुझे वहां बहुत समस्याएं भी हुई। जो भी थोड़ा बहुत जमा किया उसे लेकर वापस आ गया है। उन पैसों और बैंक से लोन लेकर बेटी की शादी की। मैं खुद अपना पूरा होटल संभालता हूं, सारे काम खुद करता हूं। मैं आराम से काम कर सकूं इसलिए नाइट पहनता हूं। मेरे पास 23,000 रुपए के पुराने नोट थे। मैंने इन्हें एक्सचेंज करने के लिए बैंक गया और दो दिन लाइन खड़ा में रहा।