आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने पार्टी की चुनावी रणनीतियों पर सवाल उठाते हुए टीवी इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पंजाब विधानसभा चुनाव और दिल्ली एमसीडी चुनावों से दूर रखा गया। विश्वास ने शनिवार को न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा, पंजाब चुनावों के दौरान मुझे कहा गया था कि हम यह चुनाव जीत रहे हैं, तो हमें आपकी जरूरत नहीं है। यही नेतृत्व दिल्ली एमसीडी चुनावों का भी कार्यभार संभाल रहा था और उनसे भी मेरा ज्यादा संपर्क नहीं था। उन्होंने अब जब मीडिया में सब कुछ साफ ही हो चुका है तो चुनाव खत्म होने के बाद यह मुद्दा उठाना सही है। एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने न्यूज 18 को कहा था कि केजरीवाल हां जी, हां जी कहने वाले लोगों से घिरे हुए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी के कुछ विधायकों ने कहा था कि केजरीवाल सरकार चलाएं और पार्टी की जिम्मेदारी कुमार विश्वास को दे दें। शनिवार को पार्टी के आला नेताओं ने उनके इस सिलसिलेवार बयानों को लेकर गुस्सा जताया था। उनका कहना था कि उन्हें ये सब बंद कमरे में कहना चाहिए था। शुक्रवार को विश्वास ने कार्यकर्ताओं से कटने और पार्टी द्वारा सिर्फ ईवीएम पर दोष मंढने को लेकर सवाल उठाए थे।
हाल ही में पंजाब के संगरूर से आम आदमी पार्टी सांसद और चुनाव में जमकर प्रचार करने वाले भगवंत मान ने पार्टी लीडरशिप को आड़े हाथों लिया था। पंजाब विधानसभा चुनावों में बड़ी गलती स्वीकार करते हुए भगवंत मान ने कहा था कि आम आदमी पार्टी आलाकमान एक मोहल्ला क्रिकेट टीम की तरह व्यवहार करते हैं। उनका यह बयान बुधवार को आ रहे एमसीडी चुनाव नतीजों से ठीक एक दिन पहले आया था।
वहीं विश्वास के बयानों के बारे में आप नेता संजय सिंह ने अखबार संडे एक्सप्रेस से कहा था, हमारी पार्टी में नेताओं को बोलने की पूरी आजादी है, लेकिन शिकायतें और सुझाव बंद कमरों में दिए जाने चाहिए। ये परिवार का मामला है। वहीं एक अन्य नेता ने कहा, पार्टी में नियंत्रण पाने के लिए विश्वास की सौदेबाजी की आदत बन गई है। उनकी सबसे बड़ी शिकायत है कि उनके द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया।