विपक्ष ने की नीतीश सरकार से नई मांगे
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार से यह मांग की। उन्होंने कहा हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह टिप्पणी की है कि हम राज्य को पुलिस राज्य में बदल रहे हैं। नागरिक हमेशा इस भय में जीते रहेंगे कि कब उन्हें फंसा दिया जाएगा। कोर्ट ने कई बार शराबबंदी क़ानून को ड्रेकोनियन क़ानून बताया। यह किसी राज्य के लिए बड़ी टिप्पणी है।
उन्होंने साथ ही मांग की है कि हाईकोर्ट ने पुराने क़ानून के जिन प्रावधानों को खारिज कर दिया है, नए कानून के वैसे ही प्रावधानों को संशोधित करते हुए नीतीश नया शराबबंदी का काननू लागू करें। अगर ऐसा करने के लिए जरूरी हो तो सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए। हाईकोर्ट ने शुक्रवार के अपने फैसले में पुराने शराबबंदी कानून के सजा के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए थे। गौरतलब है कि नए कानून में तो कुछ उससे भी ज्यादा कड़े प्रावधान किए गए हैं। ऐसे में कानून के जानकार भी विपक्ष की इस बात से सहमत हैं कि सरकार कानून में संशोधन करे।
पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील और हाई कोर्ट समन्वय समिति के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा नए कानून के एक ऐसे ही प्रावधान के बारे में बताते हैं। कोई अगर शराब पीता है तो घर के हर व्यस्क के बारे में समझा जाएगा कि उसे इसकी जानकारी है। इस प्रावधान का क्रिमिनल लॉ से दूर-दराज का संबंध नहीं है। इन प्रावधानों की रोशनी में योगेश सलाह देते हैं। सरकार नए कानून के ऐसे प्रावधानों को संशोधित कर ले। और ऐसा नहीं हुआ तो नए कानून की हालात बुरी पुराने कानून की तरह होगी।