नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन, जाली नोटों के गोरखधंधे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए मंगलवार(8 नवंबर) की रात मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के नोटों के प्रचलन को समाप्त करने की घोषणा की।
इस घोषणा के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि 500 और 1000 के नोट अचानक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी उन व्यापारियों को होगी जिनका ज्यादातर व्यापार नगद के सहारे चलता है, लेकिन नोटबंदी क्या किसी के लिए मौत का कारण बन जाएगा, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा।
जी हां, जैसे ही है खबर आई कि 500 और 1000 के नोट आधी रात के बाद कागज के टुकडे बन जाएंगे, फैजाबाद में एक व्यापारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। फैजाबाद के डॉक्टर आनंद गुप्ता ने कहा कि उनके पास एक मरीज का फोन आया जिस ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद होने की खबर आने के बाद उसे घबराहट हो रही हो ओर सीने में दर्द हो रहा है। लेकिन जब तक मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
जानकारों का मानना है कि इसकी असली वजह इस बात की चिंता है कि उनके पास जो नकदी पड़ी है उसका क्या किया जाए। अचानक 500 और 1000 के नोट बंद होने से उन लोगों के सामने बहुत दिक्कत आ गई जो होटलों में रूके हुए थे और जिनके पास होटल का बिल अदा करने के लिए सिर्फ 500 या हजार के नोट थे।