बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता व अपने नाम का पत्थर लगाने के लिए ट्रायल रन खुद शुरू करने की बचकानी जिद को मुख्यमंत्री ने पूरा कर लिया।
मायावती ने कहा, अच्छा होता कि वे थोड़े दिन और इंतजार कर लेते। 26 मार्च 2017 को मेट्रो रेल का औपचारिक संचालन शुरू होता, तब इसका उद्घाटन करते। लगता है, उन्हें यह विश्वास हो गया है कि वह अब सत्ता में नहीं लौटने वाले। इसलिए यह सरकार उतावलापन दिखा रही है।उन्होंने कहा, लखनऊ से पहले नोएडा व गाजियाबाद में भी मेट्रो रेल शुरू की जा चुकी है। उस समय सब कुछ परंपरा के अनुसार शालीनता से किया गया था। लखनऊ की महत्वपूर्ण मेट्रो रेल परियोजना बसपा सरकार ने 2008 में शुरू की थी। डीएमआरसी और एलडीए के बीच अनुबंध हुआ था।
इसका सरकारी गजट टेक्निकल सर्वे जुलाई 2008 में हुआ और अक्तूबर 2008 में एलडीए ने इस परियोजना की कार्य योजना को स्वीकृति दी। जुलाई 2011 में इसकी डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी गई थी। यानी लखनऊ मेट्रो के लिए तमाम बुनियादी काम बसपा सरकार में पूरे हो गए थे। मायावती ने कहा, मुख्यमंत्री ने नियम-कानून ताक पर रख मनमाने ढंग से सरकार चलाई है। शासन-प्रशासन में अराजकता है। अगली सरकार में सपा शासन की अब तक नियुक्तियों के साथ-साथ जो भी बड़े आर्थिक फैसले हुए हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। विदेशी कंपनियों से धन लेने के मामले में भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। दोनों ही दल धन्ना सेठों के धनबल पर अपनी पार्टी चलाते हैं।