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मार्च 2017 में, लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन. संतोष हेगड़े ने एक निजी कॉलेज में भाषण के दौरान कहा कि शहर की बढ़ती आबादी के साथ-साथ आप्रवासियों की भारी आबादी, छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों के पीछे के कारणों में से एक हो सकती है नए साल की पूर्व संध्या इसका एक उदाहरण है। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक बेंगलूर शहर की आबादी 84.4 लाख है। लेकिन वर्ष 2016 तक यह 1.15 करोड़ से अधिक तक पहुंच गया था।
प्रवासियों के संबंध में चर्चा में करते हुए उन्होंने कहा, “वे अकेले आते हैं। वे अकेले रहते हैं। और एक भीड़ भरे शहर में पहचाने न जाने का लाभ लेकर उनकी उनकी विकृत इच्छाएं फलने-फूलने लगती हैं। यह सब नैतिकता की कमी की वजह से हो रहा है।”
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