मंगलवार को जिस बैठक में अखिलेश यादव को नेता चुना जाना था, उसमें जसवंतनगर से विधानसभा चुनाव जीतने वाले अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी नहीं पहुंचे थे। वहीं पिता-बेटे के बीच फिर से शांति बनाने का काम करने वाले पूर्व मंत्री आजम खान भी इस बैठक से नदारद रहे। सूत्रों ने यह भी बताया कि शिवपाल को न्योता ही नहीं दिया गया था, जबकि आजम खान इस बात से नाराज थे कि उन्हें विधानसभा में नेता विपक्ष क्यों नहीं बनाया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कई सपा नेता यह भी कहते हैं कि चुनाव से पहले अखिलेश द्वारा मुलायम को साइड लाइन किए जाने से पार्टी को चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा। जब अखिलेश ने पार्टी प्रमुख का पदभार संभाला तो उन्होंने यह भी कहा था कि अपने पिता के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है। लेकिन चुनावी नतीजे के दो हफ्ते बाद भी इस बारे में दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हो पाई है।