चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो के कार्यालय में तिरंगे के कथित अपमान का मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित कंपनी ऑफिस के एक कर्मचारी पर तिरंगे को कथित तौर पर फाड़ने और कूड़ेदान में फेंकने का आरोप लगा है। इसकी जानकारी सामने आने के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपित कर्मचारी को गिरफ्तार करने की मांग की। इन प्रदर्शनकारियों में कंपनी के भारतीय कर्मचारियों के अलावा विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी शामिल थे।
हालांकि, प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस ने तेजी दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों पर काबू पा लिया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कंपनी के तीन कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी।
चाइनीज मोबाइल कंपनी ओप्पो की ए 154 सेक्टर 63 में निर्माण इकाई है। इसके अंदर और कैंटीन में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के पोस्टर लगे थे। कंपनी में काम करने वाले सुमित उपाध्याय ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सुहाहू परिसर का निरीक्षण कर रहे थे।
इसी दौरान उन्होंने कैंटीन व कंपनी के अंदर लगे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के पोस्टर को फाड़कर कूड़ेदान में डाल दिया। ऐसा करते कंपनी के कर्मचारियों ने देख विरोध जताया तो चीन के मूल निवासी अधिकारियों ने एक न सुनी।
डे शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के माध्यम से यह जानकारी नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों को मिली तो वह शाम करीब सात बजे कंपनी पहुंचे और तिरंगे के अपमान पर नाराजगी जाहिर की। कोई कार्रवाई न होने पर कर्मचारी सोमवार रात करीब 12 बजे कंपनी के अंदर इकट्ठा हुए और जगह-जगह तिरंगे के पोस्टर लगा दिये।
साथ ही भारत माता की जय के नारे लगाते हुए सैकड़ों कर्मी कंपनी के बाहर आकर राष्ट्रीय ध्वज थामकर धरने पर बैठ गए। गुस्सा देख चीनी अधिकारी चले गए।
मंगलवार सुबह सात बजे इसकी जानकारी मीडिया से मिली तो भारी संख्या में फोर्स पहुंची। कोई कार्रवाई नहीं की तो नाराज कर्मचारियों ने सड़क जाम कर दिया। इसी बीच डे शिफ्ट के कर्मचारी भी आ गए। वह भी प्रदर्शन में शामिल हो गए।
साथ ही हिदू युवा वाहिनी के लोग भी धरना-प्रदर्शन करने लगे। मंगलवार दोपहर साढ़े बारह बजे पुलिस अधिकारियों ने सुहाहू के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कहकर आंदोलनकारियों को शांत किया।