सहारनपुर में मोदी तो देवबंद में मुस्लिम धर्मगुरु बना रहे है नये समीकरण

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एक तरफ जहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के 2 साल पूरा होने का जश्न सहारनपुर में मनाकर उत्तरप्रदेश को साधने की कोशिश कर रहे है वही बगल में देवबंद में बरेलवी आंदोलन के संस्‍थापक मौलाना अहमद रजा खान ‘अला हजरत’ के पड़पोते मौलाना तौकीर रजा खान एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए दारूल उलूम देवबंद में नए समीकरण बना रहे है।

मौलाना तौकीर रजा खान भारतीय मुसलमानों में सुन्‍नी समुदाय के दो विरोधी पंथों के बीच एकता स्‍थापित करने के मकसद से हाल ही में देवबंद गए थे। मौलाना तौकीर रजा खान के मुताबिक, मुसलमानों की एकता के लिए उन्‍होंने यह कदम एक युवा मुसलमान की मां के आंसुओं के बाद उठाया है, जिसे हाल ही में आतंकवादी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था।

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जनसत्ता के मुताबिक मौलाना तौकीर रजा खान कहते हैं, “हमारे बच्‍चों को निशाना बनाया जा रहा है। वक्‍त आ गया है कि हम एक हो जाएं और युवा मुसलमानों को जेल में डालने वालों के खिलाफ लड़ें। हमारे बच्‍चे हमारी इकलौती संपत्ति हैं और उनपर हमले हो रहे हैं। मालेगांव मामले को ही ले लीजिए, हमारे लड़कों को सजा हो गई या वे सालों, दशकों तक जेल में रहे, आखिरकार उन्‍हें रिहा कर दिया गया। तब तक उनकी इज्‍जत लुट चुकी थी और उनका आत्‍मविश्‍वास गायब हो चुका था। इन सब बातों से हमें एक होकर लड़ना होगा। कोई मुसलमान अच्‍छा या बुरा नहीं है। हम सभी राज्‍य की भेदभावपूर्ण नीति के पीड़ि‍त हैं और यह सब सिर्फ शक के आधार पर किया गया।”

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मौलाना तौकीर रजा खान और देवबंद के बीच हुई मुलाकात चाय-नाश्‍ते पर हुई एक दोस्‍ताना मुलाकात थी, जिसमें सिर्फ चुनिन्दा खास लोग ही शामिल थे। एक घंटे तक चली बैठक में मज़हबी फर्क पर बात नहीं हुई, बल्कि मुसलमानों के लिए खड़ी बड़ी मुसीबतों से साथ मिलकर लड़ने की बात की गई। गौरतलब है कि भारत में स्‍थापित किए गए सुन्नियों के इन दो पंथों के बीच मतभेद सौ साल से भी ज्‍यादा पुराने हैं। दोनों पंथों के बीच अक्‍सर कड़वे और हिंसक विवाद होते रहे हैं।

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