मायावती ने कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बेटे अफजल को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, पढ़िये- क्यों?

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मायावती
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बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती ने कद्कावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सिद्दकी और उनके बेटे पर पार्टी लाइन से अलग हट कर काम करने के चलते बीएसपी ने यह बड़ा फैसला लिया है। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी की छवि को खराब कर रहे थे। मिश्रा ने आरोप लगाया  हैं कि सिद्दीकी पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति  का करोबार और अवैध बूचड़खाने भी चला रहे थे। कहा जा रहा है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी के नाम पर वसूली करते थे। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी और उनके बेटे को पार्टी के सभी पदों से बर्खास्त करने के साथ-साथ उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला किया गया है।

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आपको बता दें कि यूपी चुनाव में बीएसपी की करारी हार के बाद पार्टी ने एक्शन लेते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सभी पदों से हटाया दिया था और उनके पास सिर्फ राष्ट्रीय सचिव का पद ही शेष रहा था। उस दौरान मायावती ने कहा था कि सिद्दीकी ने चुनाव प्रचार के दौरान हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया।

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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद यूपी विधानसभा चुनाव में भी बीएसपी के लचर प्रदर्शन के बाद मायावती संगठन को नए सिरे से तैयार करने में जुटी हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने भाई आनंद को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया। बताते चलें कि पार्टी से निष्कासित किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बीएसपी के कद्दावर नेताओं में होती थी। वह पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे थे और उन्हें मायावती का करीबी माना जाता था। नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी की ही देखरेख में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसपी का सोशल मीडिया अभियान चल रहा था।

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