नवजोत ने कहा कि अकाली दल के इशारे पर भाजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हमसे पहले यह बता दिया जाना चाहिये था कि गठबंधन का मतलब यह होता है कि आप अपना मुंह नहीं खोलेंगे चाहे कोई गड़बड़ी भी क्यों नहीं हो रही हो। आप केवल देखिए, माफिया की मदद कीजिए लेकिन इसके खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाइए। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के संज्ञान में यह लेकर आई कि अकाली दल हमारे कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है और विकास परियोजनाओं के लिए कोष जारी नहीं किया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने इसे हल्के में लिया और कभी मेरे साथ खड़े नहीं हुए। उन्होंने भ्रष्टाचार में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की।
नवजोत ने कहा कि पार्टी को हमें पहले बताना चाहिए था कि चाहे घोटाला, माफिया राज और किसी भी तरह का घोटाला हो, हमें चुप रहना होगा। उन्होंने कहा कि वह राज्य में हो रही गड़बड़ियों पर चुप रहने के लिए राजनीति में नहीं आई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘गगनेजा ने कहा कि काम नहीं करने वाले भाजपा नेताओं को फिर से टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। वह अकाली दल के साथ भाजपा के गठबंधन के भी खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि वह हर प्रयास करेंगे ताकि विधानसभा चुनाव अकाली दल के साथ नहीं लड़े जाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम दिन भी उनका यही रूख था। मैं उनसे कई बार मिली। उन्होंने मुझे इस्तीफे से रोका। जब सिद्धू ने इस्तीफा दिया तो वह बहुत नाराज हुए।’’ नवजोत ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विकास कार्यों के लिए कोष की मांग की तो उन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपमानित किया गया, मैं भूख हड़ताल पर गयी.. जिन लोगों का वे समर्थन करते थे उन्हें सबकुछ मिला।’’ भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर नवजोत ने कहा, ‘‘वह आवाज ए पंजाब के लोगों के साथ बैठेंगी और उनसे उनकी योजना के बारे में पूछेंगी फिर कोई फैसला करेंगी।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसका कोई कारण नहीं है। जब आप विधायक होते हैं तो आप अपने क्षेत्र में कार्य पर निगरानी रख सकते हैं। मैं अपनी सीट पर उपचुनाव नहीं चाहती। मैं नहीं चाहती कि कोष बिना उपयोग के पड़ा रहे और उसका दुरूपयोग हो।’’