नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे दिल्ली सरकार से तरकार और बढ़ने की उम्मीद है। उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल सरकार के फैसलों की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय बनाई है जो 6 हफ़्तों में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में पूर्व CAG वीके शुंगलू, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी, और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार होंगे।
4 अगस्त को आए दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद एलजी ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों को आदेश दिया था कि ऐसे सभी फैसले जिनकी अनुमति एलजी से ली जानी चाहिए थी, लेकिन नहीं ली गई, उनकी सभी फाइलें उपराज्यपाल दफ़्तर को भेजी जाएं। एलजी के मुताबिक ऐसी 400 से ज़्यादा फाइलें हैं।
क्या होगा समिति का काम
- फैसले लेने में प्रक्रिया या किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं हुआ
- क्या ऐसे उल्लंघन जानबूझकर किए गए
- इन उल्लंघन में मंत्रियों, अफसरों आदि के रोल की जांच करना और ज़िम्मेदारी तय करना
- किस तरह की कार्रवाई की जाए ये सुझाव देना और अगर सरकारी खजाने को नुक्सान पहुंचा है तो कैसे उसकी भरपाई हो
- हर फाइल के बारे में बताना कि क्या फैसले को नियमित किया जा सकता है या नहीं
- नियमित करने या ना करने के क्या कानूनी, प्रशासनिक और आर्थिक नतीजे होंगे ये बताएगी समिति
- अगर किसी मामले में और जांच की ज़रूरत हो तो सुझाव देना