युवक ने बताया कि जब यहां यह सब कुछ हो रहा था तो उसे उसके भाई ने घर भेज दिया, इसलिए उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है कि मस्जिद के बगल वाले घर में एक आतंकी किराए पर रहता हो और मस्जिद से जुड़े किसी भी व्यक्ति को कुछ पता न हो। कॉलोनी निवासी वसीम ने झिझकते हुए बताया कि वह तो यहां थे ही नहीं। जब उन्हें इस मामले की सूचना हुई तो वह आनन-फानन में घर आए। पुलिस की कार्रवाई से वह भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे थे। उन्हें भी सैफुल्लाह के आतंकी होने पर भरोसा नहीं हो रहा है। सैफुल्लाह के पास से बरामद सामान को लेकर भी उनका सोचना है कि यह फर्जी तरीके से भी तो दिखाया जा सकता है। गुरुवार को जब हाजी कॉलोनी का मुआयना किया गया तो क्षेत्र में सन्नाटा पसरा था। जिस घर में सैफुल्लाह किराए पर रहता था, बस उस घर के पास पुलिसिया चहल-पहल दिख रही थी। घर के बाहर पुलिस तैनात है। घर के बाहर मौजूद पुलिस अधिकारी शशिकांत यादव ने बताया कि एनआईए की टीम अपना कार्य कर रही है।































































