फरीदाबाद के ACP अमन यादव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, ‘पति-पत्नी की मौत के मामले में सिटी थाना पुलिस ने दीपक के भाई जितेंद्र उर्फ जीतू के बयान पर कोमल के पिता मामराज, मां सुनीता व मौसी गजना के खिलाफ आईपीसी की धारा 309 व 34 के तहत आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर लिया है। दोनों शवों का सोमवार को पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है। मंगलवार को दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। इसके बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।’
थाना प्रभारी योगवेंद्र सिंह ने बताया कि दीपक और कोमल बिस्तर पर मृत पड़े थे। दीपक का बायां हाथ फर्श पर रखी पानी से भरी प्लास्टिक की बाल्टी में दो ईंटों से बंधा मिला। इस बाल्टी में बिजली का सफेद तार पड़ा हुआ था, जिसका कनेक्शन बिस्तर के पास लगे स्विच से था। दीपक के पास में ही कोमल उल्टी दिशा में पड़ी थी। पोस्टमॉर्टम होने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। योगवेंद्र ने बताया, ‘दोनों के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं। बिजली का रहस्यमय तरीके से करंट लगने से दोनों का शरीर नीला पड़ा हुआ था। मौके को देखकर लगता है कि दीपक ने ईंट हाथ में बांधी थी। करंट लगने पर आदमी हाथ को पीछे खींचता है, इसलिए उसने योजना बनाकर ऐसा किया।’ पुलिस को अभी तक इस मामले में हत्या जैसा नहीं लग रहा है।
दीपक के कमरे में दीवारों पर यह भी लिखा मिला है कि हमारी मौत का जिम्मेदार मेरा ससुर मामराज, सास सुनीता और मौसी जगना है। उधर, कोमल के ताऊ भगवान सिंह का कहना था कि इस बारे में उन्हें सोमवार सुबह 9 बजे सूचना मिली। कोमल ने उन्हें फोन कर बताया कि उसकी सास उसे दहेज के लिए तंग करती है। बुलंदशहर निवासी भगवान सिंह का आरोप है कि उसकी भतीजी की दहेज के लिए हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कमलेश और उसके परिवार के लोग दोषी हैं। उधर, दीपक की मां कमलेश का कहना था कि उसके बेटे ने ससुराल वालों की वजह से ही आत्महत्या की है। उनका आरोप है कि ससुराल वाले दीपक को पैसे के लिए तंग करते थे।