नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके एयर पॉल्यूशन और प्रदूषण से निपटने में दिल्ली सरकार की ढिलाई पर डाट लगाई हैं।
NGT ने कहा कि शहर में क्रेन के जरिए पानी का छिड़काव करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए एनजीटी ने पूछा कि इस काम के लिए क्रेन का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है, हेलीकॉप्टर का क्यों नहीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में शहर में फैली धुंध को नियंत्रित करने के लिए कुछ घोषणाएं की थी। सरकार ने एलान किया था कि सोमवार से सभी स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद किया जाएगा और पांच दिन के लिए निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाएगी । साथ ही कहा गया था कि पानी का छिड़काव भी किया जाएगा।
हालांकि, एनजीटी ने सरकार के इस तरीके पर सवाल खड़े किए और पूछा कि सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए क्या बड़े कदम उठाए हैं? आप क्यों क्रेन से पानी का छिड़काव कर रहे हैं। हेलिकॉप्टर से नहीं, एनजीटी NGT की बेंच ने सरकार से पूछा कि दिवाली और फसल जलाना के बारे में पहले से जानकारी होती है। क्या आपने अगस्त या सितंबर माह में प्रदेश को इससे होने वाले प्रदूषण से बचाने के लिए कोई भी मीटिंग बुलाई। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनजीटी ने यह भी पूछा कि क्या सरकार के पास कोई भी आंकड़ें हैं जिससे पता लगे कि स्मॉग के स्तर में कमी आई है। इतना ही नहीं, एनजीटी ने फसल जलाने पर नियंत्रण के लिए पूर्व कदम नहीं उठाने को लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की भी आलोचना की।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने कहा कि अगर किसानों को 1000 रुपए भी दिए जाते तो वह इस तरह फसल के कचरे को नहीं जलाते।” नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि अगर किसानों को 1000 रुपए भी दिए जाते तो वह इस तरह फसल के कचरे को नहीं जलाते।” इसके अलावा एनजीटी ने दिल्ली और एनसीआर में पत्थर तोड़ने और ईंट भट्टे के काम को एक हफ्ते के लिए बंद करने का आदेश दिया है, साथ ही भवन निर्माण पर भी एक हफ्ते की रोक लगाई है। गौरतलब है कि दिवाली के बाद से दिल्ली और आस पास के राज्यों में धुआं और धुंध से लोग परेशान हैं। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा सड़कों पर विजिविलिटी घट गई है जिसकी वजह से कई सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।