नई दिल्ली। वर्ष 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में गुरुवार(19 जनवरी) को एक नया मोड़ तब आया जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि यदि अदालत आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
एनआईए की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी पहले ही कह चुकी है कि यह मामला सख्त मकोका के प्रावधान लागू करने लायक नहीं है। सिंह ने कहा कि एनआईए की जांच से पहले भी कई मुख्य गवाह अपने बयान से मुकर गए और उन्होंने शिकायत की कि उन्हें अपने बयानों में झूठी चीजें कहने के लिए एटीएस द्वारा बाध्य किया गया था।
इन सभी पर विचार करते हुए एनआईए की तरफ से साध्वी को जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने निचली अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने इसे बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
प्रज्ञा ने अर्जी में कहा है कि पिछले छह वर्षो से वह जेल में हैं। दो जांच एजेंसियों ने कोर्ट में विरोधाभासी निष्कर्ष परिणाम पेश किए हैं। ऐसे में उन्हें जेल में रखना न्यायसंगत नहीं है। एनआईए के इस ताजा रुख के साध्वी प्रज्ञा को बड़ी राहत मिल सकती है।