केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, AAP के 27 विधायकों को चुनाव आयोग का नोटिस

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर लाभ के पद पर होने के कारण दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के 27 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करने वाली एक नई अर्जी पर उन्हें फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आयोग ने बुधवार(2 नवंबर) को यह भी कहा कि संसदीय सचिवों का पद संभालने को लेकर ‘आप’ के 21 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग करने वाली पहले की एक याचिका पर वह 15 नवंबर से अंतिम बहस की सुनवाई शुरू करेगा।

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याचिका में संसदीय सचिव के पदों को लाभ का पद करार दिया गया है। याचिकाकर्ता के साथ-साथ आप के 21 विधायकों को जारी किए गए नोटिस में आयोग ने कहा कि वह 15 नवंबर की दोपहर से मामले में अंतिम बहस शुरू कराएगा।

दरअसल, जून में दाखिल एक नई याचिका में जिसे पिछले महीने राष्ट्रपति भवन की ओर से आयोग के पास भेज दिया गया था, जिसमें लाभ का पद मुद्दे पर ‘आप’ के 27 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की गई है।

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इन 27 विधायकों में 7 ऐसे हैं जिनके खिलाफ चुनाव आयोग संसदीय सचिवों का पद संभालने को लेकर ऐसी ही एक अर्जी पर विचार कर रहा है। सूची में दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल, डिप्टी-स्पीकर राखी बिड़ला, पूर्व डिप्टी-स्पीकर वंदना कुमारी और पार्टी से अलग हो चुके विधायक और स्वराज अभियान के नेता पंकज पुष्कर शामिल हैं।

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विधायकों से कहा गया है कि वे 11 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करें। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि ये विधायक बगैर किसी कानूनी वैधता के दिल्ली में विभिन्न सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों के अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं।

दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि रोगी कल्याण समितियों की स्थापना 5 अक्तूबर 2009 को शीला दीक्षित सरकार द्वारा की गई थी। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में शिकायतकर्ता ‘औंधे मुंह गिरेगा।’