शिवसेना को किसका साथ पसंद है, कमल या हाथ पसंद है?

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बहुमत
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बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में शिवसेना भले ही पहले की तरह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो लेकिन बहुमत से दूर रखकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया है। 227 सीटों वाली बीएमसी के जो चुनाव नतीजे आए हैं उसके मुताबिक उद्धव को उसपर अपना राज कायम रखने के लिए या तो पहले की तरह बीजेपी के साथ जाना होगा या फिर कांग्रेस से हाथ मिलाना होगा।

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बीएमसी की 227 में से 225 सीटों के नतीजे में शिवसेना को जहां 84 सीटें मिली हैं वहीं बीजेपी के खाते में 80 सीटें गई हैं। बहुमत के लिए 114 सीटों की जरूरत है। यानी राज ठाकरे की एमएनएस की 7, एनसीपी की 9 और अन्य की 7 सीटें भी जोड़ लें तो भी शिवसेना बहुमत के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगी। ऐसे में उसे सत्ता के लिए उसी बीजेपी से हाथ मिलाना होगा जिसे वो गठबंधन टूटने के बाद से ही जमकर खरी-खोटी सुनाती आई है।

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