नोटबंदी से पानीपत का कपड़ा उद्योग बरबादी के कगार पर, मजदूरों को दिहाड़ी मिलना मुश्किल

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ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के महासचिव राजीव अग्रवाल कहते हैं, ‘दिहाड़ी का मज़दूर हर जगह होता है। सरकार हो नगर निगम हो। उनको हम शाम को कैसे पेमेंट करें। क्या पांच सौ रुपये का चेक दें, वो कभी भी नहीं लेगा, नहीं लेगा तो काम नहीं होगा, काम नहीं होगा तो इंडस्ट्री का नुकसान होगा, देश का नुकसान होगा।’

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हरियाणा चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की पानीपत चैप्टर के अध्यक्ष प्रीतम सिंह सचदेवा कहते हैं, ‘नोटबंदी अच्छा कदम है, पर सरकार उसमें कैश का प्रबंध कर लेती। जो भी स्टेप सरकार ने अब लिए..कैश का पूरा इंतज़ाम होता, तो किसी को दिक्कत नहीं आती। न हम तैयार थे न सरकार तैयार थी। दोनों में कमियां रह गईं।’

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