पटियाला। पटियाला की खिलाड़ी ने की आत्महत्या कर ली है। सुसाइड नोट में उसने मोदी से इंसाफ़ की मांग की है। पटियाला की हैंडबॉल प्लेयर पूजा का आरोप है कि उसके कोच गुरशरण सिंह गिल ने उसे टीम जानबूझकर नहीं रखा, क्योंकि वो गरीब परिवार से है। सुसाइड नोट में पूजा ने अपने कोच पर ज्यादती करने का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट के मुताबिक कोच सिर्फ अमीर घर के बच्चों को ही टीम में रखते हैं, उन्हें ही हॉस्टल और दूसरी सुविधाएं मिलती हैं। उसने लिखा कि मुझे और पुष्पा को कॉलेज में तो एडमिशन दे दिया मगर हॉस्टल में नहीं दिया जबकि पिछले साल हमको हॉस्टल दिया गया था। इस साल कहा कि आप लोकल पटियाला की हो, हॉस्टल नहीं मिलेगा, तो फिर (एक नाम) को क्यों हॉस्टल और कॉलेज में एडमिशन दिया गया, वो भी तो लोकल पटियाला की थी।
अपने सुसाइड नोट में पूजा ने आगे लिखा है कि क्यों हम गरीबों को हमेशा अमीर लोगों के आगे झुकना पड़ता है, आखिर क्यों? श्री मोदी जी, गिल सर बोले कि घर से कॉलेज तक अप-डाउन करो, मगर एक दिन का खर्च 120 रुपए का है, एक महीने का 3720 रुपए। हम कहां से लाते, हम गरीब हैं, 5 रुपए भी खर्च करने से पहले सोचते हैं कि खर्च करूं या ना करूं। मेरे पापा लड़का-लड़की में फर्क नहीं करते। उन्होंने तीनों बेटियों को भाई के साथ पढ़ाया बिना किसी भेदभाव के।
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पूजा का परिवार पटियाला के संजय कॉलोनी इलाके में रहता है, वो खालसा कॉलेज में बीए सेकंड ईयर में पढ़ती थी। गरीब मां-बाप बड़ी मुश्किलों से बेटी की पढ़ाई और खेलकूद का खर्च उठा रहे थे। परिवार का आरोप है कि कोच गुरशरण सिंह गिल ने पिछले साल बेटी को एडमिशन दिया, लेकिन इस साल उससे कह दिया कि पूजा को मौका नहीं मिलेगा।
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पूजा ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे खत में अपने कोच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस खत के मुताबिक कोच ने सिर्फ उसके साथ ही बुरा नहीं किया बल्कि उसके दूसरे दोस्तों की प्रतिभा की भी अनदेखी की। पूजा ने लिखा कि श्री मोदी साहेब आपसे निवेदन है कि मुझे और मेरे परिवार को इंसाफ दो ताकि ऐसी गलती कोई भी, कभी भी ना कर सके। जब आप यह पत्र पढ़ रहे होंगे तब तक मैं इस दुनिया से बहुत दूर जा चुकी हूंगी। यह करने के लिए गिल सर ने ही मुझको मजबूर किया। मैं घुट-घुटकर, रो-रोकर थक चुकी थी, क्योंकि मेरे साथ बुरा हुआ, मेरे दोस्तों के साथ भी बुरा हुआ। श्री श्री मोदी जी मैं आपसे निवेदन करती हूं कि गिल सर को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि वह यह गलती दोबारा कभी ना कर सके।