चंडीगढ़ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को पहली गिरफ्तारी करते हुए एलआइसी एजेंट आनंद चौहान को गिरफ्तार कर लिया। चौहान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जांच अधिकारी ने बताया कि चौहान को अदालत में पेश किया जाएगा, उसे हिरासत में लेकर पूछताछ आवश्यक है। एलआइसी एजेंट के रूप में चौहान की भूमिका ईडी और सीबीआइ के जांच के लिहाज से महत्वपूर्ण है। चौहान पर कथित रूप से मुख्यमंत्री के काले धन को जीवन बीमा पॉलिसियों में निवेश करने का आरोप है। ईडी इस मामले में उससे पहले भी उससे कई बार पूछताछ कर चुका है। जांच के चलते ईडी ने वीरभद्र सिंह की लगभग आठ करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है।1ईडी ने सीबीआइ की शिकायत पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कानूनी प्रावधानों को ताक पर रख काले धन को वैध बनाने की शिकायत के चलते बीते साल सिंतबर में आपराधिक मामला दर्ज किया था। जांच एजेंसी पिछले एक साल में तीन राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में जांच कर चुकी है। आरोप है कि वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री के पद पर रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। उन पर व उनके परिवार के सदस्यों ने 2009-11 के बीच 6.1 करोड़ रुपये का अज्ञात धन जुटाया।