देेशभर में आज जनमाष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के मौके पर दही-हांडी की धूम है लेकिन इस बार ये उत्सव सियासी घमासान की वजह बन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दही-हांडी त्योहार मनाने के लिए कुछ हदें तय की हैं, लेकिन राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाती दिख रही है। हालांकि पुलिस ने अभी तरफ से आयोजकों को नोटिस थमाकर आगाह किया है लेकिन सबकी नजर अब आज होने वाले दही हांडी के कार्यक्रमों पर टिकी है।
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ 20 फीट से ऊंची दही हांडी लगाने का ऐलान किया है। साथ ही आदेश के खिलाफ 9 थरों का मानव पिरामिड बनाने की भी घोषणा की है। यही नहीं, एमएनएस की तरफ से गोविंद पथक को 11 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है। आने वाले दिनों में निगम चुनाव होने हैं ऐसे में एमएनएस के ऐलान को उसी राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है हालांकि कई दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि हर साल आसमान में लटके दही हांडी को फोड़ने का बरसों से चला आ रहा ये रिवाज हर साल कई मासूमों की मौत की वजह बनता है। दही-हांडी फोड़ने के चक्कर में कई गोविंदा घायल होते हैं लेकिन इनामी रकम और कीर्तिमान के चक्कर में हांडी की ऊंचाई साल-दर-साल बढ़ती ही चली जाती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कुछ दायरे तय किए हैं।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?
सुप्रीम कोर्ट ने जन्माष्टमी से एक दिन पहले इस त्योहार को लेकर कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे।
1- ‘दही हांडी’ की ऊंचाई में बदलाव करने से इनकार करने वाली याचिका पर फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बोम्बे हाई कोर्ट के फैसले का सुरक्षित रखा। सुप्रीम कोर्ट ने 20 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर दही हांडी टांगने से रोक लगाई है।
2 – साथ ही 18 साल से कम उम्र वाले गोविंदाओं पर भी रोक लगाई है।
3 – पहले बॉम्बे हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस उत्सव में इंसानी मिनारे की उंचाई पर पाबन्दी लगा दी है।
क्यों जिद पर अड़े राज ठाकरे ?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा, ‘’हिंदू धर्म के त्योहारों पर ही पाबंदियां क्यूं। दही हंडी हमारा पारंपरिक त्योहार है। उसको मनाने के लिए अब क्या कोर्ट से इजाज़त लेनी होगी। दही हंडी उत्सव में अगर कोई ग़लत प्रयोग या काम किया जा रहा होगा तो उसपर पाबंदी लगनी ही चाहिए। लेकिन अगर ये त्योहार पारंपरिक रुप से मनाया जा रहा तो उसमें बाधा क्यूं ? इस साल पारंपरिक तरीके से ये उत्सव मनाया जायेगा।