जेल जाने से पहले शशिकला का मास्टर स्ट्रोक, पन्नीरसेल्वम को पार्टी से किया बाहर, पलनिसामी को बनाया विधायक दल का नेता

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पलानीसामी

चेन्नै : आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को दोषी ठहराए जाने के बाद भी एआईएडीएमके प्रमुख वीके शशिकला ने हथियार नहीं डाले हैं। वह बगावत कर चुके कार्यकारी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम के हाथ में किसी भी कीमत पर सत्ता नहीं जाने देना चाहतीं। इसके संकेत इसी बात से मिलते हैं कि कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटकने के बावजूद वह रिजॉर्ट में ठहरे विधायकों के साथ बैठक करने लगीं। इस मीटिंग में उन्होंने आगे की रणनीति तय की। इसके तुरंत बाद पन्नीसेल्वम की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का ऐलान कर दिया गया। वहीं, ई पलानीस्वामी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

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पलानीस्वामी जयललिता के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह पश्चिमी रीजन के बड़े एआईएडीएमके नेता माने जाते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि बाकी विधायक भी उन्हें समर्थन देते हैं कि नहीं। मीटिंग में शशिकला के वफादार विधायकों के अलावा परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। इनमें जयललिता के भतीजे दीपक जयकुमार भी शामिल हुए। माना जा रहा है कि शशिकला पहले उन्हें ही विधायक दल का नेता चुनकर सीएम कैंडिडेट बनाना चाहती थीं। सूत्रों के मुताबिक, पन्नीरसेल्वम खेमे को कमजोर करने के लिए शशिकला ने दीपक के जरिए इमोशनल कार्ड खेलने का फैसला किया था। हालांकि, दीपक ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसके बाद पलानीसमी को विधायक दल का नेता चुना गया।

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पन्नीसेल्वम के विद्रोह के बाद से ही 100 से ज्यादा विधायक कूवथूर स्थित गोल्डन बे रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। पन्नीरसेल्वम खेमे ने आरोप लगाया है कि उन्हें जबरन रोक कर रखा गया है। यहां एक आईजी के नेतृत्व में 350 से ज्यादा पुलिसवालों को तैनात किया गया है। फैसला आने के बाद भी यहां शशिकला समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। हालांकि, फैसले के बाद भी कोई भी विधायक रिजॉर्ट से बाहर नहीं आया। वहीं, पन्नीसेल्वम के घर के बाहर भी समर्थकों की भीड़ जुटी है। मंगलवार को भी शशिकला खेमे के एक और विधायक के उनके खेमे में जाने की खबर आई।

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