104 दिन बाद एक साथ नज़र आए अखिलेश-शिवपाल, पढ़िए क्या था मौका और दोनों में क्या हुई बात ?

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शिवपाल

समाजवादी पार्टी के विधायकों की आज पार्टी दफ्तर में बैठक हो रही है। मीटिंग में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद हैं। इसके साथ ही शिवपाल यादव, आजम खान, रामगोविंद चौधरी भी शामिल हैं। बता दें, 1 दिसंबर के बाद यह पहली बार है जब अखिलेश-शिवपाल साथ नजर आए हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी में एक बार फिर अंदरूनी कलह शुरू होने की अटकलों के बीच पार्टी के लिए माथापच्ची की एक नई वजह पैदा हो गयी है। पार्टी विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिये अपने किसी नेता का नाम तय करने को लेकर पसोपेश में है। एसपी चुनाव में 47 सीटें जीतकर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है और सदन में नेता विपक्ष उसी का होगा।

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अखिलेश तय करेंगे नाम

एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को तय करना है कि 403 सदस्यीय विधानसभा में 325 के संख्याबल वाले सत्तापक्ष के सामने विपक्ष का नेता किसे बनाया जाए, जो प्रतिपक्ष की बात को प्रभावशाली तरीके से रख सके। अखिलेश विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा। उन्होंने एसपी के नवनिर्वाचित विधायकों की गुरुवार को बैठक बुलायी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में विधायकों की राय जानने के बाद वह नेता प्रतिपक्ष के संबंध में कोई फैसला लेंगे।

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सूत्रों के मुताबिक सपा विधान मंडल दल की रेस में आजम खान सबसे आगे हैं। आजम के नाम को लेकर पार्टी में एक सहमति भी है। इसके अलावा रामगोविंद चौधरी का भी नाम इसमें शामिल है।

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वहीं अखिलेश हो सकते हैं विधान परिषद के नेता विपक्ष। बता दें, यूपी इलेक्शन में हार के बाद विधान परिषद में बहुमत के बाद भी सपा विपक्षी पार्टी हो गई है। इसी के मद्देनजर विधान परिषद के नेता विपक्षा का चुनाव हो रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले शिवपाल-अखिलेश 1 दिसंबर 2016 को एक साथ नजर आए थे। मौका था लखनऊ मेट्रो के उद्धाटन का।