अब अखिलेश सरकार द्वारा बांटे गये इस पुरस्कार पर गिरेगी योगी की गाज

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योगी
फाइल फोटो
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उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव की तमाम महत्वाकांक्षी योजनाओं को बंद करते जा रहे हैं। हाल ही सीएम ने समाजवादी एम्बुलेंस सेवा का नाम बदल दिया और समाजवादी पेंशन पर भी रोक लगा दी। समाजवादी पेंशन योजना के पत्रों के जांच के आदेश भी हो चुके हैं। और अब सूत्रों से खबर है कि सीएम योगी ने फैसला लिया है कि वह राज्य के सबसे बड़े पुरस्कार ‘यश भारती’ की जांच करवाएंगे।

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इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये के अलावा ताउम्र 50 हजार रुपये की पेंशन भी मिलती है। यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाज़ुद्दीन सिद्द़ीकी़, नसीरूद्दीन शाह, रविंद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को मिल चुका है।

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मायावती सरकार में यह पुरस्कार बंद कर दिया गया था लेकिन 2012 में अखिलेश यादव ने इसे दोबारा शुरू कर दिया।इस बार इस पुरस्कार को लेकर तमाम सवाल उठे और इल्ज़ाम लगे कि अखिलेश यादव ने तमाम गरीब लोगों को आर्थिक मदद करने के लिए यश भारती पुरस्कार दे दिया। हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री के नए दफ्तर लोक भवन के सभागार में अखिलेश यादव ने पुरस्कार समारोह का संचालन करने वाली महिला को भी खुश होकर वहीं मंच से यश भारती पुरस्कार देने का ऐलान कर दिया।

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