दिल्ली: ‘एमपी अजब है, सबसे गजब है’ यह स्लोगन भले ही मध्य प्रदेश में पर्यटकों लुभाने के लिए बनाया गया हो, मगर यह स्लोगन आजकल शिवराज सरकार में एक अजीबो गरीब घोटाला सामने आने के बाद ज्यादा चर्चा में है। जी हां, क्या कहीं आपने ऑटो पार्ट्स की दुकान पर मिट्टी के बर्तन बिकते सुना है। यह मजाक नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश में ऐसा ही हुआ है, क्योंकि एमपी अजब है।
दरअसल, मई में उज्जैन में हुए सिंहस्थ मेले के दौरान कुल 47 करोड़ रुपये की कीमत के मिट्टी के मटके खरीदे जाने का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब जांच के दौरान जिन कंपनियों से मटकों के खरीदे जाने की बात शिवराज सरकार कह रही है, वे कंपनी कोई और नहीं बल्कि एक आटो पार्ट्स बेचने वालीं फर्म निकलीं। इस खुलासे के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है।
जिस सिंहस्थ के शांतिपूर्ण निपटने को लेकर एमपी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, अब उसी सिंहस्थ पर हुए बेतहाशा खर्च को लेकर सरकार कठघरे में आ गई है। कांग्रेस ने विधानसभा में सिंहस्थ में हुए घोटाले का मुद्दा उठाते हुए सरकार से कई सवाल किए।
इतना ही नहीं मेले के दौरान लैपटॉप व कंप्यूटरों की भी खरीदारी मार्केट रेट से करीब दो से तीन गुना अधिक कीमतों पर हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो लैपटॉप बाजार में 12 हजार रुपये का है उसे 52-52 हजार रुपये में खरीदे गए।