नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के भोपाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए आठ सिमी आतंकियों में से सात के शवों को पोस्टमॉर्टम करने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है, जबकि एक आतंकी के शव का पुलिस ने भोपाल में अंतिम संस्कार कर दिया।
सिमी के ये आतंकी उच्च सुरक्षा वाली भोपाल की केन्द्रीय जेल से सोमवार(31 अक्टूबर) को तड़के एक सिपाही की हत्या कर फरार हुए थे तथा कुछ ही घंटों बाद इन सभी आठ सिमी आतंकियों को पुलिस ने भोपाल के पास मणिखेड़ा पठार में एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
शवों को परिजनों को सौंपे जाने से पहले उनका एक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। परिजन आरोप लगा रहे थे कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में उन्हें मारा है। पुलिस ने सिमी के आतंकी मोहम्मद खालिद को भोपाल में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। वह महाराष्ट्र के शोलापुर का रहने वाला था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ‘‘खालिद शोलापुर का निवासी था, लेकिन उसके माता-पिता का निधन हो चुका है और उसका भाई भी सिमी का सदस्य है, जो भोपाल केन्द्रीय जेल में बंद है।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उसके शव पर किसी ने दावा नहीं किया। पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।’’
मारे गए सिमी आतंकी अब्दुल माजिद के रिश्तेदारों ने हमीदिया अस्पताल स्थित शवगृह के बाहर पुलिस अधिकारियों से बहस करते हुए आरोप लगाया कि उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है। सिमी आतंकी जाकिर हुसैन की मां सलमा बी एवं भाई एजाज ने भी इस मुठभेड़ पर यह कहकर सवाल उठाए कि यह एक षड्यंत्र है और इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए।
सलमा बी ने कहा कि ‘‘जाकिर ने मुझे बताया था कि वह जेल में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है और उसे जान जाने का डर है।’’