समझौता एक्‍सप्रेस ब्‍लास्‍ट: मुख्य आरोपी असीमानंद को मिली जमानत

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस गाड़ी में 2007 में हुए बम धमाके के आरोपी असीमानंद को शुक्रवार(16 सितंबर) को एनआईए की अदालत से जमानत मिल गई। असीमानंद की जमानत का मुख्य आधार इस केस गवाहों में शामिल सबसे अहम गवाह का अपने बयानों से पलटना है। अधिकारियों के मुताबिक, हालांकि वह अभी भी जेल में ही बंद रहेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ विस्फोट के मामलों की सुनवाई चल रही है।

अब असीमानंद एक अन्य की सुनवाई के सिलसिले में राजस्थान में ही रहेंगे। इस मामले की सुनवाई के कारण एनआईए अदालत में अब तक करीब 174 लोगों की गवाही हो चुकी है। इस केस में एनआईए ने मध्य प्रदेश निवासी शिवनारायण पटेल, जगदीश पटेल तथा राजेश मिश्रा को मुख्य गवाह बनाया था।

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शुक्रवार को तीनों गवाहों को अदालत में पेश किया गया। एनआईए सूत्रों के अनुसार, राजेश ने कहा कि पुलिस को उसने कोई बयान दिए ही नहीं। इससे यह केस कमजोर पड़ गया है। अब इस मामले की सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

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दक्षिणपंथी हिन्दू समूह ‘अभिनव भारत’ के सदस्य असीमानंद दिसंबर 2010 से जेल में बंद हैं। वह हैदराबाद मक्का मस्जिद और अजमेर दरगाह विस्फोट, 2007 में भी आरोपी हैं। मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सीबीआई ने 26 दिसंबर, 2010 को हरिद्वार से असीमानंद को गिरफ्तार किया था।

नई दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के पास दीवाना गांव में 18 फरवरी 2007 को विस्फोट हुआ था। रेलगाड़ी के दो कोच में सूटकेस बम फिट किए गए थे। इस विस्फोट में मारे गए कुल 68 लोगों में से ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे। 2011 में एक बयान में असीमानंद ने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था।

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हालांकि बाद में असीमानंद ने कहा था कि यह बयान पुलिस के दबाव के तहत दिया गया था। असीमानंद पर अजमेर शरीफ, मालेगांव और मक्का मस्जिद ब्लास्ट में भी शामिल होने का शक है।