दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किए जाने का विरोध कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बंद के कारण कई पर्यटक मुश्किल में हैं। दार्जिलिंग में करीब 10 हजार पर्यटकों के फंसे होने की खबर है। इस बीच शुक्रवार दोपहर सेना ने दार्जिलिंग के हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। गोरखा जनमुक्ति मोर्च के आंदोलन के मद्देजनर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोर्चा संभाल लिया है। ममता ने सुबह दार्जिलिंग में पैदल यात्रा की और पर्यटकों से बातचीत की। वहीं, राज्य सरकार ने दार्जिलिंग से सिलिगुड़ी और सिलिगुड़ी से कोलकाता आए पर्यटकों को शुक्रवार और शनिवार को एनबीएसटीसी की मुफ्त बस सेवा उपलब्ध कराने का फैसला किया है। दरअसल, जीजेएम स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर सरकार का विरोध कर रही है। गुरुवार को हालात इतने बिगड़ गए थे कि सीएम ममता ने इलाके में सेना की तैनाती कर दी थी। इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है।
इधर, आंदोलन के कारण फंसे पर्यटकों को इलाके से निकालने के लिए एनबीएसटीसी बस (स्पेशल) सुबह सिलिगुड़ी से कोलकाता के लिए निकली। इस बस में 26 पर्यटक मौजूद थे, जबकि दूसरे बस में 35 पर्यटक थे। एनबीएसटीसी की 6 बसें और 2 टाटा सूमो पुलिस के काफिले के साथ सिलिगुड़ी से दार्जिलिंग के लिए निकलीं। सुबह 10 बजे कुछ और बस सिलिगुड़ी से रवाना हुई। दार्जिलिंग में प्रदर्शन को देखते हुए टॉय ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। उधर, पर्यटकों के दार्जिलिंग छोड़कर जाने के कारण हवाई टिकटों के दाम काफी बढ़ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे जीजेएम के समर्थकों ने गुरुवार को सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया और कई जगह सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने राज्य पुलिस पर जमकर पथराव भी किया। प्रदर्शन के दौरान 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। बढ़ती हिंसा से को देखते हुए मुख्यमंत्री को सेना बुलानी पड़ी।