उत्तर प्रदेश में पुलिस का शर्मसार करने वाला चेहरा नजर आया है मामला यह है कि पेशी पर लेकर आए गए मुजरिम ने सिपाही को अगवा किया और कोर्ट से भाग गया। मुजरिम पहले सिपाही को कोर्ट से बाहर लाया, फिर अपने कार सवार साथियों की मदद से उसे पीटा और सदरपुर के जंगल में फेंक दिया। इस दौरान उसकी आंखों में मिर्ची स्प्रे भी किया। सिपाही को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर ही है। दतियाना मुजफ्फरनगर निवासी रुचिन को दो साल पहले मोदीनगर पुलिस ने लूट के मामले में गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को उसे डासना जेल से पेशी पर लाया गया था। सुबह 11 बजे रुचिन को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे वापस सदर हवालात ले गए। दोपहर ढाई बजे रुचिन की एक अन्य केस में दूसरी कोर्ट में पेशी थी।
कानपुर निवासी सिपाही जितेंद्र सिंह ने बताया कि वह रुचिन को लेकर कोर्ट की ओर जा रहा था। इसी बीच आरोपी ने उसे नशीला पानी पिला दिया। इसके बाद उस पर बेहोशी छाने लगी। बंदी उसे कोर्ट से बाहर ले गया और बाहर खड़ी एक लग्जरी कार में बैठा लिया। विरोध करने पर कार में पहले से मौजूद चार-पांच युवकों ने तमंचे की बट से उसकी नाक और सिर पर कई वार किए। बाद में उसकी आंखों में मिर्ची स्प्रे डाल कर उसे सदरपुर नाला रोड पर फेंक दिया और मेरठ रोड की ओर को भाग गए। एक राहगीर की मदद से उसने कंट्रोल रूम को सूचित किया। एमएमजी में प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस ने सिपाही जितेंद्र को हिरासत में ले लिया। एसएसपी केएस इमेनुएल का कहना है कि शुरूआती जांच में सिपाही की बातें संदिग्ध लग रही हैं। उसके खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। डासना जेल से कोर्ट में पेशी पर आए मुजफ्फरनगर के कुख्यात रुचिन की फरारी और पुलिसकर्मी जितेंद्र ने जो घटनाक्रम बताया है, उसमें कई झोल हैं।
लोगों का यही कहना है कि रुचिन जैसे फरार हुआ है,वह अपने आप में पहली घटना है। कोर्ट परिसर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी जवान तैनात होते हैं। इतनी सिक्योरिटी के बीच अर्ध बेहोशी की हालत में एक सिपाही का हाथ पकडे़ बंदी सुरक्षाकर्मियों की नजरों से बचकर निकल जाए, यह बात हजम नहीं हो रही। साथ ही एक सिपाही अर्ध बेहोशी की हालत में आरडीसी तक करीब 200 मीटर तक पैदल चला जाए, इस पर भी यकीन करना मुश्किल है। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम को आरोपी सिपाही जितेंद्र सिंह ने बताया कि अर्ध बेहोशी की हालत में बंदी उसका हाथ पकड़कर आरडीसी तक ले गया जिस तरह सरकार का चेहरा शर्मसार किया गया है, जहां पहले से ही उसके साथी लग्जरी कार में सवार थे।सवाल यह है कि कोर्ट परिसर में अंदर आने और जाने के लिए कुल सात प्वाइंट हैं और इन सातों ही प्वाइंट पर हमेशा कड़ी सिक्योरिटी रहती है। इसके अलावा कोर्ट परिसर और कचहरी परिसर के बीच दीवार बनाकर गेट लगाए गए हैं। इन दोनों ही प्वाइंट पर पुलिस और एलआईयू के जवान मुस्तैद रहते हैं। यहां से प्रत्येक व्यक्ति मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरता है।
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