कोलकाता : दार्जिलिंग में गुरुवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) समर्थकों के आंदोलन ने ऐसा हिंसक रूप अख्तियार कर लिया कि सेना को बुलाने की नौबत आ गई। जीजेएम समर्थकों ने सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया और कई जगह सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य पुलिस पर जमकर पथराव भी किया। बढ़ती हिंसा से नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए गोरखा नेताओं की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोर्चा समर्थकों ने अबतक पुलिस की पांच जीपों, एक सरकारी बस और 12 कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। उन्होंने आगे बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू की तो पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस अधिकारी ने बताया कि डीआईजी राजेश यादव, एडीजी नॉर्थ बंगाल और एसपी दार्जिलिंग अमित जवालगी भी हिंसा में घायल हुए हैं। एक कॉन्स्टेबल की गंभीर रूप से घायल हुआ है। प्रदर्शनकारियों की तरफ से पत्थरबाजी के दौरान एक पत्थर सीधा उसकी आंखों में आकर लग गया।
इस बीच सीएम ममता बनर्जी ने हिंसा को काबू करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने GJM नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया है। GJM के मुखिया बिमल गुरुंग को रात में गिरफ्तार किया जा सकता है। गोरखा टेरेटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के सचिव रविंद्र सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। नॉर्थ बंगाल के कमिश्नर वरुण रॉय उनकी जगह लेंगे।
उधर बड़ी संख्या में पर्यटकों के दार्जिलिंग छोड़ने से फ्लाइट के किराए में भारी इजाफा हो गया है। बागडोगरा से कोलकाता जाने के लिए एयरलाइंस 11-12 हजार रुपये वसूल रही हैं। पर्यटकों के लिए शुक्रवार सुबह से सिलिगुड़ी से कोलकाता जाने के लिए स्पेशल बस सर्विस शुरू की जा रही है। स्थानीय सरकारी आवास रिचमंड हिल में ठहरीं सीएम ममता बनर्जी शुक्रवार को हेलिकॉप्टर से कोलकाता जाएंगी।
बता दें कि दार्जिलिंग में प्रदर्शन की शुरुआत तब हुई जब निकाय चुनावों में GJM को तृणमूल कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा। 30 सालों में ऐसा पहली बार हुआ जब मैदानी इलाके की किसी पार्टी को यहां जीत मिली। GJM से यह हार बर्दाश्त नहीं हुई और उसने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कैंपेन लॉन्च कर दिया।
गौरतलब है कि GJM एक अलग गोरखालैंड की मांग कर रहा है। GJM ने तृणमूल कांग्रेस पर ‘फूट डालो राज करो की नीति’ के तहत दार्जिलिंग की शांतिभंग करने की कोशिश का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारी ‘स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किये जाने का विरोध’ समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अब हिंसक हो चुका है।
जीजेएम ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है और पर्यटकों से भी दार्जिलिंग छोड़ने को कहा है। ममता बनर्जी ने जीजेएम के प्रदर्शन पर कहा, ‘उनके पास लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्हें ऐसा करने दीजिये। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है, विकास के लिये प्रतिस्पर्धा होने दीजिये।’ ममता ने यह भी साफ किया कि बांग्ला भाषा को स्कूलों में अनिवार्य विषय नहीं बनाया गया है।
































































