लेकिन लालू यादव की असल दिक्कत इस बात को लेकर है कि अब हर दिन बिहार के उनके समर्थकों में अखिलेश चर्चा का केंद्र रहेंगे और यहां उनके दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के ‘परफॉरमेंस’ पर चर्चा केंद्रित होगी। अखिलेश आज पूरे देश में चर्चा के केंद्र में हैं, तब उनका काम मुख्य आधार रहा हैं और लालू यादव खुद भी जानते हैं कि सब जानते हैं कि अपने बेटों के विभाग का रिमोट उनके पास रहने के बावजूद अखिलेश को छोडि़ए, लेकिन नीतीश कुमार के पूर्व के बीजेपी के मंत्रियों से भी तुलना करने के लायक उनका कार्यकाल नहीं रहा है। फ़िलहाल लालू यादव ने अपने दोनों बेटो के हिस्से में आठ विभाग रखे हैं और कई विभाग के दफ्तर में भी उनके बेटे तेजप्रताप यादव महीनों नहीं जाते। अपने विभाग के कार्यक्रम में भी तेजप्रताप का नदारद रहना चर्चा का विषय होता हैं। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने एक विभाग पथ निर्माण में रूचि तो लेते हैं, लेकिन अन्य विभागों के कामकाज में जितना सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता रहती हैं, उतनी कभी नहीं देखी गई।