दिल्ली: राजनीतिक उठापटक भले ही उत्तप्रदेश और समाजवादी पार्टी में हो रहा हो लेकिन इसका असर बिहार में बैठे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी हो रहा है। और आखिर हो भी क्यों ना एक तो मुलायम सिंह के संबंधी ऊपर से दोनों के मन में पीएम बनने के ख्वाब। दरअसल, लालू यादव की चिंता इस बात को लेकर नहीं है कि उनके बीच-बचाव के प्रयास और दावे धरे के धरे रह गए, लेकिन अखिलेश ने जिस तरह सत्ता और पार्टी पर कब्ज़ा जमाया हैं और राजनीति में लंबी रेखा खींचते जा रहे हैं… यह लालू के लिए चिंता की वजह है।
एनडीटीवा के अनुसार ये बात किसी से छिपी नहीं कि लालू और मुलायम सिंह यादव राजनीति में एक ही जाति के होने के बावजूद अपने राजनीतिक शिखर पर एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे। दोनों के बीच राजनीतिक कटुता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि लालू ने मुलायम सिंह के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद पर अपने प्रयास से पानी फेर दिया था। हालांकि लालू ने इसे बाद के दिनों में अपनी गलती मानते हुए माफ़ी भी मांगी थी, लेकिन ये खटास वर्षों बाद लालू की सबसे छोटी बेटी लक्ष्मी की शादी से कम हुई, जिसकी शादी मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई के पोते तेज प्रताप सिंह के साथ हुई. तेज प्रताप समाजवादी पार्टी के मैनपुरी से सांसद भी हैं। ये बात अलग है कि इस संबंध के बावजूद जब लालू और नीतीश ने मुलायम सिंह यादव के समाजवादी पार्टी में विलय की घोषणा की और रामगोपाल यादव ने अकेले इस विलय को रोकने में कामयाबी पाई थी तब ये माना गया कि लालू की भी मौन सहमति थी।