नई दिल्ली। नोटबंदी से लोगों को रही परेशानियों को लेकर संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन हमारे राजनेता इतनी बर्बादी के बाद भी बेपरवाह है। इन सबके बीच हंगामे से आहत ओडिशा से बीजू जनता दल(बीजद) सांसद बैजयंत जय पांडा ने अपनी वेतन और भत्ता नहीं लेने की घोषणा की है।
आपको बता दें कि पांडा इससे पहले भी हंगामा होने पर वह संबंधित दिन की सैलरी नहीं लेने से परहेज करते आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई साल से ऐसा करता रहा हूं। पांडा हर सत्र के अंत में उसी अनुपात में अपने वेतन का एक हिस्सा और दैनिक भत्ता लौटा देते हैं, जितना हंगामे के कारण लोकसभा का समय बर्बाद हुआ होता है।
पांडा ने कहा कि यह सिर्फ इशारा है, हंगामे के कारण संसद नहीं चल पाती है और देश का पैसा बर्बाद हो जाता है। उन्होंने कहा कि जनता जिस काम के लिए हमें जीताकर संसद भेजती है हम उसमें खरे नहीं उतर रहे हैं।
पांडा ने कहा कि सभी पार्टियों के सांसदों को जिम्मेदारी के साथ संसद की कार्यवाही चलने देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वो 16 सालों में कभी भी हंगामा कर संसद की कार्यवाही नहीं रुकवाई है।
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