आम आदमी पार्टी दूसरी पार्टियों के धनस्रोतों को लेकर अब तक हमला करती रही है, लेकिन अब खुद उनके ऊपर सवाल उठ रहे है। आरोप लगाने वाले भी कोई और नहीं बल्कि पार्टी के पुराने साथी हैं। जी हां जिन लोगों को आप पार्टी से बाहर कर दिया गया था। अब वह उनपर आरोप लगाने में पीछे नहीं हट रहे है। अन्ना हजारे और प्रशांत भूषण पहले ही चंदे को लेकर ‘आप’ को नसीहत दे चुके हैं कि पार्टी कथनी और करनी में अंतर न रखे।
अब स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव और बिजवासन से ‘आप’ के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत ने हमला बोला है। सहरावत ने जहां पार्टी पर फर्जी कंपनी के जरिए चंदा जमा करने का आरोप लगाया है, वहीं योगेंद्र यादव ने धनस्रोतों को लेकर आप समेत सभी पार्टियों के नेताओं को बहस की चुनौती दी।
‘आप’ के निलंबित सदस्य डॉक्टर मुनीष रायजादा ने पिछले सप्ताह यह कहते हुए पार्टी नेतृत्व पर हमला बोला था कि दानदाताओं की सूची जून, 2016 से वेबसाइट से गायब हो गई है। इसके बाद अन्ना हजारे ने ‘आप’ पर चंदा देनेवालों की सूची सार्वजनिक करने के वादे को न निभाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी को कथनी और करनी में अंतर नहीं रखना चाहिए।
AAP challenges all parties but runs away from debating with us! Is this Hypocricy or its lack of democratic spirit?https://t.co/g6QKZeSAVA
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 28, 2016