योगेंद्र यादव ने बुधवार को ट्वीट करके कहा कि ‘आप’ दूसरी पार्टियों को बहस की चुनौती देती है लेकिन हमसे बहस करने से भाग रही है। उन्होंने सवाल किया कि यह पाखंड है या प्रजातंत्रिक मूल्यों की कमी।
इससे पहले विधायक देवेंद्र सहरावत ने मंगलावर को आरोप लगाया कि फर्जी कंपनियों के जरिए ‘आप’ को चेक दिए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंन अपने आरोप में कहा कि आम आदमी पार्टी को 35 -35 करोड़ रुपये के ऐक्सिस बैंक के दो चेक दिए गए हैं, वे फर्जी कंपनियों के हैं और इनके डायरेक्टर्स का अता-पता नहीं है।
Cheque of 35 Cr Favouring AAP issued by companies established to be Bogus, withGhost Director&Fake PAN card, Newly opened acct in Axis bank. pic.twitter.com/9B2g1AOjoa
— Col DevinderSehrawat (@ColSehrawat) December 27, 2016
Second Cheque favouring AAP, Again from a Bogus Company. Again Axis Bank New Acct. Bogus Director, Company with earlier donations record pic.twitter.com/Sr0qp12UhQ
— Col DevinderSehrawat (@ColSehrawat) December 27, 2016
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने खुद के बचाव में कहा है कि उनकी वेबसाइट अभी अंडर मेंटनन्स है। पार्टी ने लिस्ट हटाने को लेकर दी गई सफाई में यह भी कहा कि उसके दानदातों का सरकार उत्पीड़न कर रही है। हालांकि, दानदाताओं की सूची हटाने को लेकर ‘आप’ के तर्क को खारिज करते हुए प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा कि चंदा देने वालों का सरकार द्वारा उत्पीड़क का तर्क बेतुका है। उन्होंने कहा कि असली वजह फर्जी कंपनियों से मिलने वाला पैसा है, पार्टी को चुनाव आयोग और इनकम टैक्स विभाग के पास रिटर्न फाइल करना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आम आदमी पार्टी की बेबसाइट पर दी गई दानदाताओं की सूची और चुनाव आयोग को सौंपी गई सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर पार्टी को एक के बाद एक कई नोटिस भेजा था।