
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने संदेह जताया कि हो सकता है इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश हो या शिवसेना कार्यकर्ताओं को विपक्ष ने कथित तौर पर नियुक्त किया हो। इससे यूडीएफ के विधायक गुस्से में आ गए। विधायकों ने पहले सदन के बीचों-बीच बैठकर विरोध प्रदर्शन किया और फिर वे सत्ता पक्ष की मेजों की ओर आ गए। सत्ता पक्ष के विधायक भी उन्हें रोकने के लिए बीचों-बीच आने लगे और दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति हो गई। दोनों पक्षों के बीच जमकर कहासुनी हुई। स्थिति बिगड़ने के डर से अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने सदन को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया।
शिवसेना की युवा इकाई प्रमुख आदित्य ठाकरे ने इस पूरे मामले से खुद को दूर रखते हुए ट्वीट किया, ‘केरल के कोच्चि की घटना अनावश्यक और शर्मनाक है। पार्टी ऐसे कृत्य का न बचाव करेगी और न समर्थन।’ ठाकरे ने आगे ट्वीट किया, ‘कोच्चि की घटना में शामिल लोगों को पार्टी से अनिश्चितकाल तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।’































































