जांच करने वाली फॉरेंसिक टीम को हिताची को निशाना बनाने वाले हैकर्स की कुशलता को देखकर काफी हैरानी हुई। उन्होंने पाया कि हैकर्स का मालवेयर (एक तरह का वायरस) इतना असरदार था कि वह हिताची के सिस्टम को बहुत कम समय में भेद सकता था। हिताची के पास बेहद अच्छे सिक्यॉरिटी डिवाइसेज मौजूद होने के बावजूद मालवेयर के जरिए उसके सिस्टम में सेंध लगाई गई थी। ईटी को पता चला है कि हैकर्स ने हिताची के सिस्टम में एक ‘डमी कोड बुक’ तैयार की थी और कस्टमर्स के PIN चुराने के लिए 0000 से 9999 तक सभी संभव चार डिजिट के नंबर हथिया लिए थे।
फॉरेंसिक ऑडिट के लिए हिताची की ओर से हायर की गई फर्म SISA के फाउंडर सीईओ, दर्शन शांतामूर्ति ने बताया, ‘हैकर्स का काम बहुत जटिल प्रकार का था और हमने अपनी अन्य जांचों में ऐसा नहीं देखा है। मैं हिताची के सिस्टम में सेंध लगाने से जुड़ी अधिक जानकारी नहीं दे सकता क्योंकि SISA फॉरेंसिक जांच में अपने क्लायंट की गोपनीयता का सम्मान करती है। हमें नैशनल सिक्यॉरिटी कोऑर्डिनेटर, भारत सरकार से इस रिपोर्ट को केवल हिताची के साथ साझा करने का निर्देश मिला है।’
SISA ने अपनी रिपोर्ट के कुछ निष्कर्ष सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ साझा किए हैं। ऐसा पता चला है कि हिताची ने कई बार निवेदन करने के बाद इस रिपोर्ट को NPCI को उपलब्ध कराया है।