भारतीय साइबरसिक्यॉरिटी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि कंप्यूटर्स को निशाना बनाने के बाद अब हैकर्स स्मार्टफोन्स को भी रैन्समवेयर का शिकार बना सकते हैं। CERT-In ने यह भी कहा कि WannaCry रैन्समवेयर का खतरा अभी टला नहीं है। एजेंसी का कहना है कि ग्लोबल रैन्समवेयर अटैक से बचने के लिए भारत लापरवाही नहीं बरत सकता क्योंकि यह नए रूप में सामने आ सकता है। इंडिया कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम (CERT-In) के डायरेक्टर जनरल संजय बहल ने बताया, ‘भले ही दुनियाभर में रैन्समवेयर अटैक करने वाले वानाक्राई वाइरस का भारत पर कम असर हुआ है, मगर इसके कई मॉड्यूल्स अभी भी सामने आ सकते हैं और मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।’
वानाक्राई वाइरस ने शुक्रवार से लेकर अब तक विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करने वाले हजारों लैपटॉप्स और डेस्कटॉप्स को इन्फेक्ट किया है। बहल ने कहा कि खतरा अभी भी बरकरार है क्योंकि साइबर अटैकर्स का अगला टारगेट स्मार्टफोन्स हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐंड्रॉयड पूरी दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेटिंग सिस्टम। कहा नहीं जा सकता है कि अगर इसपर अटैक हुआ तो क्या होगा। पर पूरी तरह से अलग सिचुएशन होगी। CERT-In इसके संभावित हमले के लिए पहले से ही तैयारी कर रहा है।’
बहल ने कहा, ‘हैकर्स हमेशा दो कदम आगे चलते है। हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा, इस अटैक का यहीं पर अंत हो जाएगा या फिर नए रूप में यह फिर से सामने आएगा। हमने वीकेंड पर बैंकों, पावर यूटिलिटीज़, रेलवेज़ और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रवाइडर्स को अलर्ट किया ताकि वे सोमवार को जब काम शुरू करें तो साइबर अटैक को लेकर सचेत रहें। लोगों के लिए CERT-In ने अपनी वेबसाइट पर अडवाइजरी जारी की थी और सोमवार को एक वेबकास्ट भी किया था। एजेंसी ने अपने फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के साथ-साथ MyGov प्लैटफॉर्म के जरिए पूरी दुनिया को आगाह किया।’ उन्होंने कहा, ‘शनिवार को हमने बड़े स्तर पर अभियान चलाया। यह बड़ी मुश्किल घड़ी थी और बहुत से लोग काम पर लगे हुए थे।’
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