शाही इमाम ने कहा आपसी झगड़े से होगा बीजेपी को फायदा, करलो सुलह

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झगड़े

उत्तर प्रदेश के बड़े नेता और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के कुनबे में राजनीतिक झगड़े के चलते मतभेद कभी बढ़ते तो कभी सुलह के आसार नजर आते है। सीएम अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच अमर सिंह को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं इस लड़ाई में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल और अमर सिंह के साथ खड़े हैं।

ये सारी झड़प तब शुरू हुई जब अखिलेश ने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बरखास्त कर दिया। वहीं शिवपाल यादव ने अखिलेश के करीबी माने जाने वाले सपा महासचिव रामगोपाल यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

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सोमवार को अखिलेश, मुलायम और शिवपाल के बीच लखनऊ में सार्वजनिक मंच पर कहासुनी हुई। जिसमें शिवपाल और अखिलेश के बीच मंच पर झडप हुई। जिसके बाद मंगलवार को मुलायम और शिवपाल ने कहा पार्टी में सब ठीक है सुलह की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसा लगा राजनीतिक लड़ाई अब खतम हुई। लेकिन बुधवार को शिवपाल ने अखिलेश के करीबी माने जाने वाले मंत्री पवन पाण्डे को पार्टी से निकाल दिया। शिवपाल ने अखिलेश को चिट्ठी लिखकर पाण्डे को मंत्रिमंडल से निकालने का भी निवेदन किया है। जिस से ये साफ होता है मुलायम के पार्टी में सब ठीक वाला बयान झूठा साबित होता नजर आ रहा है। एक तरफ चुनाव सिर पर है, और पार्टी टूटती बिखरती नजर आ रही है।

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इस कलह का फायदा और पार्टी उठाती नजर रही है। एक तरफ बसपा प्रमुख मायावती मुसलमानों वोटरों को लुभाने की हर कोशिश कर रही हैं वहीं दूसरी और बीजेपी भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। बीजेपी उत्तर प्रदेश की बदहाली के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को जिम्मेदार ठहराया रही है। सोमवार को यूपी के महोबा में एक रैली को संबोधित करते हुए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से कहा कि जब तक आपलोग इन दोनों पार्टियों (सपा और बसपा) को सत्ता से बेदखल नहीं करेंगे तब तक राज्य उत्तम प्रदेश नहीं बन सकता है।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुखारी ने मुलायम से अखिलेश के संग सुलह करने के लिए कहा ताकि पार्टी को इस संकट से उबारा जा सके। रिपोर्ट के अनुसार शाही इमाम बुखारी का मानना है कि सपा के अंदरूनी झगड़े से धर्मनिरपेक्ष ताकतें कमजोर होंगी और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हो सकता है।